लुटा है मुझे किसने मेरे यारो से ये पूछो,
दिल क्यों है सूना सूना बहारो से ये पूछो।
हर एक डूबे दिल को हमने ही था बचाया ,
पर हम कैसे डूबे सहारो से ये पूछो ।
यु तो मेरे कहकहे सभी ने सुने होंगे ,
रोते है किस तरह दीवारों से ये पुछो।
संजीत कुमार
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