Sunday, June 15, 2008

गांधीगीरी नही छोरेगे



यू तो गांधी जी का जन्म गुजरात मे हुआ था पर गांधीगीरी को पूरे देश ने माना। समय के साथ साथ गांधीगीरी को लोग भूलते गए जिस गांधीगीरी की बदौलत हम आजाद हुए ,आज उसी गांधीगीरी को सब भूल बैठे । लेकिन हमारा जिला आज भी गांधीगीरी मे भरोसा रखता है । सच कहता हूँ किसी भी पारिस्थीती मे हम गांधीगीरी नही भूलते । कुछ दिन पहेले की ही बात लीजिए सरे शाम एक आदमी की हत्या हो जाती है , हम कुछ नही कहते हम कुछ नही करते बस एक एक्सीडेंट मान कर बैठ जाते है । हमे भरोसा है की हत्यारा का कभी तो दिल बदलेगा । हमारे यहा बिजली की काफी समस्या है ,२४ घंटे मे ८ घंटे भी बिजली मिल जाए तो काफी है पर हम कुछ नही करते । आप किसी भी ऑफिस मे चले जाए बिना नजराना दिए आपका कोई काम नही होगा ,या तो नजराना दे कर काम कराये या फ़िर किस्मत का लेखा मान कर चुपचाप बैठ जाए फ़िर भी हम कहा कुछ बोलते है हम जानते है की बाबू लोगो का कभी तो मन बदलेगा और वो बिना नजराना के हमारा काम करेंगे । ऐसा नही की सिर्फ़ हम ही गांधीगीरी को मानते है ,हमारे नेता भी इसी सिद्धांत को मानते है जब भी कोई भी बरी समस्या आती है तो ये लोग पूरे सचे मन से समाहर्नालय के गेट पर सुबह से शाम तक अनशन करते है फ़िर अपने अपने घर ,कल के अखबार मे इनकी तस्वीर निकलती है .ये भी खुश हम भी खुश ,समस्या को वक्त ख़ुद बा ख़ुद सुलझा लेगी । क्या बताऊ आपको ऐसे हर मुश्किल घरी मे भी हम गांधीगीरी नही भूलते । पुरा शहर बारिस के पानी मे डूब जाए तो जाए , किसान फसल बर्बादी से मरे तो मरे ,महंगाई से लोग परेशान हो तो हो .माहिलाओ की इज़त लुटे तो लुटे ,क्या हम अपने सिधान्तो को भूल जाए । कोई कुछ भी करे या कुछ भी कहे हम गांधीगीरी नही भूलेंगे । अगर कोई मेरे एक गाल पर तमाचा मारता है तो हम दूसरा गाल भी आगे कर देंगे पर गांधीगीरी नही भूलेंगे

2 comments:

Anonymous said...

कैसे हैं सर जी आप? आपका फोन जब आया था तब मैं प्रधान जी डॉट कोम के प्रसारण के लिए मथुरा और वृन्दावन प्रवास पर था। लगभग दो महीने के प्रशिक्षण के दौरान पत्रकारिता के मूल्यों को तो ठीक ठाक समझ ही गया साथ ही यह भी समझ में आ गया की आज के इस दौर में सम्मानपूर्वक कैसे पैसे कमाय जाय। प्रशिक्षण के अन्तिम दिन में ''तीसरा स्वाधीनता आन्दोलन'' के राष्ट्रीय संगठक गोपाल राय ने जब यह पूछा की मनीष जी आप क्या दिल्ली में रह कर प्रधानजी डॉट कोम का काम संभालेंगे या पुरे बिहार का भार लेकर आगे बढ़ेंगे। मेरा जबाब था की देश के आम अवाम और ख़ास कर बिहार के लोगों की इस्थिति इतनी भीषण भयावह है की उनके लिए कुछ किया जाए। तब कम्पनी के शीर्ष अधिकारिओं ने मुझे प्रधान जी डॉट कोम का वाइस प्रसीडेंट (कंटेंट एंड बिजनेस ) नियुक्ति पात्र थमा दिया। अब मेरा कार्यक्षेत्र पूरा बिहार है और बिहार के विभिन्न जिलों में कैसे आगे बढ़ा जाए यह रणनीति का अहम् हिस्सा भी हो गया है।
अप्पू जी,आपके साथ बिताए गए निःस्वार्थ समय जब आप मुझे टयूसन पढाने के लिए बाध्य किया करते थे उसे भी नही भूल पाया हुं और बेगुसराय जैसे जिले की गन्दी पत्रकारिता जगत में आप जैसे साफ़ लोगों को कुछ बेहतर मौका देने के लिए कम्पनी के एक वरीय अधिकारी नियुक्त किए जाने के बाद आपके सम्मुख कुछ व्यापारिक प्रस्ताव रख रहा हुं ......वैसे अगर आप स्वीकार नही भी करते हैं तो कोई बात नही क्यूंकि बेगुसराय में याहू के पेज पर जब विज्ञापन निकाला तो लगभग आठ आवेदन आए हैं जो बेगुसराय में प्रधान जी डॉट कोम के काम को करना चाहते हैं। वैसे मुज्जफ्फरपुर और गया में मैंने दो जिला प्रभारी की नियुक्ति कर चुका हुं जो महीने में मिनिमम बीस हजार रुपये तो जरुर कमाएंगे। आपके लिए विश्व के सबसे बड़े ब्लॉग भडास और भारत की पहली मीडिया पोर्टल भडास ४ मिडिया जो पत्रकारों को नौकरी प्रदान करती है और ग्रामीण भारत का पहला मिडिया पोर्टल ''प्रधान जी डॉट कोम'' की तरफ़ से कुछ प्रस्ताव निम्नलिखित है:-
(१) बेगुसराय में प्रधान जी डॉट कोम के लिए कम से कम एक कार्यालय की जरुरत है,जो आप अपने दूकान पर अन्य काम को करते हुए कर सकते हैं।
(२) अगर आप तैयार होते हैं तो सुचना और प्रसारण मंत्रालय के द्वारा अधिकृत प्रेस कार्ड आपको उपलब्ध कराय जाएंगे और आपको बेगुसराय जिले का मुख्या कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया जायेगा।
(३) इतना ही नही अनंत कमाई के रास्ते प्रधान जी डॉट कोम खोल रहा है जिसकी योजनाओं को समझ कर आप अपनी राष्ट्रीय छवि बना सकते हैं।
(४) इसके अलावे बेगुसराय में आपको ''तीसरा स्वाधीनता आन्दोलन'' नामक पत्रिका का जिला प्रमुख भी बनाया जाएगा जिसमें विज्ञापन से भी अच्छी खासी कमाई हो जायगी। और जिला के प्रशाशन और राज्य स्तर के राजनितिक दलों पर भी आपका प्रभाव रहेगा क्यूंकि राष्ट्रपति से ले कर प्रधानमंत्री तक सब इस पत्रिका के मुरीद हैं क्यूंकि यह राष्ट्र की तीसरी आजादी के मुहीम को उत्तर प्रदेश में सफल कर चुका है और जब आप बेगुसराय के प्रमुख हो जाते हैं तो सामाजिक प्रभाव का अंदाजा आप नही कर सकते हैं।
(५) चूँकि मुझे भी बिहार का ही पूरा काम देखना है इसलिए अगर आप साथ देते हैं तो मैं भी बेगुसराय में रह कर ही विभिन्न जिलों के काम को देखूंगा और पत्रिका छपाई से लेकर समाचार कलेक्शन तक सारा काम आपके साथ ही देखूंगा। और आपके भाई साहब के साथ मिलकर अगर आप जगह का प्रबंध कर देते हैं तो कोचिंग भी चलाया जायेगा। क्यूंकि पैसे साधारण दिमाग से तो आपने अब तक जरुर कनाया है लेकिन एक बार इन योजनाओं को मिल कर किया जाए तो परिणाम भी बेहतर निकलेंगे।
(६) कम्पनी का फ्रेंचाइजी लेने हेतु न्यूनतम १००००/- रुपए का निवेश आपको करना है क्यूंकि बेगुसराय के विशाल अग्रवाल जो मेन रोड में दवा की दूकान चलाते हैं उनका रीजयूम मेरे पास आया है और वह भी काम करने को इच्छुक है क्यूंकि उसका छोटा भाई दिल्ली में ही पत्रकारिता में है और प्रधान जी डॉट कोम के वरीय अधिकारी को तेल लगा रहा है की मुझे बेगुसराय में फ्रेंचाइजी दिया जाए,जो भी निवेश करना है मैं करूंगा। लेकिन चूँकि पुरे बिहार का मुख्या अधिकारी मैं ही बना हुं इसलिए मैंने अपने सीनियर को यह कहा है बेगुसराय में मैं अप्पू जी को ही इसका फेरेंचैजी दूंगा।
तो दो चार दिनों में मैं बेगुसराय और बिहार के विभिन्न जिलों के दौरे पर आउंगा,आप सोच विचार कर जल्द से जल्द जबाब दें ,मैं और मेरा शरीर आपके साथ है।
धन्यवाद
मनीष राज (वाइस प्रसीडेंट) प्रधान जी डॉट कोम
कंटेंट एडिटर डॉट कोम

Unknown said...

OH HO KYA BAAT HA SANJUUU AAJ KE TIME MEIN BE GANDHIGIRI KA JOSH BADE DEEPLY YE SAB KUCH LIKAH HAI BIHAR KE LIYE AAAP KA PYAR SAFF JALAKTA HAI AAPKE IN BATOON SE