Sunday, August 03, 2008

एस ओ एस भारतीय बालग्राम::-सेव आवर सोल-



मानवता की सच्ची सेवा अगर देखनी हो तो एस औ एस भारतीय बालग्राम मे आप देख सकते है ,पूरे बिहार प्रदेश मे मात्र बेगुसराय जिले मे स्थापित यह ओ अनाथ बालको की सेवा करने वाली संसथान है ,लेकिन इस संसथान के अन्दर अनाथ शब्द कहना वर्जित है
बेगुसराय जिले के उलाऊ मे अवस्थित एसo ओ एस भारतीय बालग्राम विगत तीन सालो से निरंतर बच्चो की देखभाल करता आ रहा है संसथान द्वारा बच्चो की सेवा के भावना देख कर मदर टेरेसा की याद आ जाती है
इस संसथान की विचारधारा पुरी तरह हमारी सोच से परे है जिस तरह हम अपने बच्चो को एक ही परिवार के अन्दर ही पालन करते है जहा एक घर होता है , एक माँ होती है , भाई बहन होते है और बच्चो को अपना विकास करने की पुरी आजादी होती है ,परिवार मे बच्चो के विकास के लिए माँ बाप जरुरी कदम उठाते है . ठीक उसी तरह एस औ एस बालग्राम मे एक २५-३० परिवार का एक ग्राम का निर्माण किया जाता है हर घर मे एक माँ होती है और सभी माँ को ५-६ बच्चो को पालने की जिमेदारी दी जाती है बच्चो के हर फैसले माँ लेती है . संसथान सिर्फ़ माँ की मदद करता है बचपन से ले कर जॉब पाने तक संसथान लगातार उनकी देखभाल करता है जहाँ तक लडकी का सवाल है तो लडकी की शादी होने तक उन्हे यही रखा जाता है और उसकी शादी होने के बाद एस औ एस भारतीय बालग्राम लडकी का मैयका होता है जहाँ वो अपने भाई बहन और माँ से मिलने आया करती है सही अर्थो मे कहा जाय तो बच्चो को एक पूरा परिवार ही मिल जाता है जहाँ वे अपना सर्वांगीण विकास कर पाते है एस औ एस बालग्राम लगातार निःस्वार्थ उनकी सेवा करता आ रहा है एस औ एस भारतीय बालग्राम सिर्फ अपने यहाँ पल रहे बच्चो की ही देखभाल नहीं करता बल्कि आसपास के गावों के बच्चो और गरीब परिवारों की भी देखभाल करता है जिसे आउट रीच प्रोग्राम कहा जाता है संसथान आसपास के बच्चो के लिये निःशुल्क पढाई , भोजन और स्वास्थ्य की वेबस्था करता है जिससे आसपास के लोगो का आर्थिक और बौद्धिक विकास हो सके
अभी चार जगह उलाव, कैलाशपुर,महाराथ्पुर और तिलरथ मै इसके आउट रीच प्रोग्राम चल रहे है
इसके अलावे भी संसथान करीब १०० से भी जयेदा मानवता की सवा के लिये आउट रीच प्रोग्राम चला रहा है जिसमे इस्कूल ,हॉस्पिटल सहित अनेक प्रोग्राम शामिल है प्रकिर्तिक आपदा बाढ़ ,भूकंप ,महामारी मै भी यह संसथान बढ़ चढ़ कर अपना योगदान देता है एस औ एस बालग्राम के asst. director मनोज मिश्रा और आउट रीच प्रोग्राम के asst. director एस के ओझा से जब मैं मिला और इनके द्वारा चलायी जा रहे सारे प्रोग्राम को नज़दीक से देखा तो इसके महत्व को समाज पाया
मुजे याद है वो दिन जब रचीयाही के कैलाशपुर मे आउट रीच सेंटर खोलने की बात हो रही थी मैं और संसथान के Asst. Directer मनोज मिश्रा कैलाशपुर सर्वे के लिये गया था , पूरा गावं और गावों के बच्चे मिश्रा जी के हाथ पकर लिये और वहां सेंटर खोलने की जिद करने लगे , कितनो ने तो रो कर मिश्रा जी से कहा की अब उनके बच्चो का future आपके हाथ मे है मैने इन सारे सीन को अपने कैमरे मे कैएद कर लिया वो विसुअल देख कर मैं आज भी रोमांचित हो जाता हूँ आज वहां संसथान द्वारा एक सेंटर चलाया जा रहा है और कैलाशपुर के गरीब बच्चो को मुफ्त मे education.health, food दिया जा रहा है इस संसथान की मानवता की सच्ची सेवा करने की तत्परता और तस्वीर एक बार और देखने को मिली जब एक अखबार मे यह खबर छपी की समस्तीपुर जिला के सरायरंजन मे एक परिवार के मुखिया और एक बच्चे की मौत भूख के कारन हो गयी और कुछ बच्चे अनाथ हो गये मैं सुबह सुबह मनोज मिश्रा जी के साथ संसथान मे बैठा था की उनकी नज़र उस खबर पर गयी मिश्रा जी ने तुंरत अपने दिली ऑफिस से संपर्क किया और एक कार रिज़र्व कर के तुंरत सरायरंजन जाने को तैयार हो गये
मिश्रा जी ने मुजे भी चलने को कहा , हलाकि मेरी तबियत ठीक नहीं थी फिर भी मैं संसथान की कार्यशैली को नज़दीक से देखने और समझने का मौका गवाना नहीं चाह ता था मिश्रा जी और मैं सरायरंजन गये और उन परिवारों से मिला उसके बाद सरायरंजन के BDO और जिलाधिकारी से भी मिश्रा जी मिले और अनाथ हो गए बच्चो को अपने साथ ले जाने की बात कही , जिलाधिकारी ने इनके कार्यो की सराहना की मैने मानवता के प्रति इनकी तत्परता और seva देख कर दंग रह गया सही मे आज भी ऐसी संसथान और लोग है जो मानवता की सेवा मे लगे है बच्चे जो हमारे देश की आत्मा है उन्हे बचाने मे लगी जो सबसे अग्रणी संसथान है वो है एस औ एस - भारतीय बालग्राम
इनका नारा भी है SAVE OUR SOUL--(SOS)

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